Info India News I ‘ख्याल रखें न टूटे आचार संहिता’, पीएम मोदी के ध्यान लगाने पर PMO से बोला चुनाव आयोग
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि मेडिटेशन अवकाश शनिवार को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की वोटिंग के साथ होगा और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने को प्रधानमंत्री कार्यालय को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि पीएम नरेंद्र मोदी के दो दिनों तक चलने वाले दो दिवसीय ध्यान के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन न हो.
चुनाव आयोग ने यह सलाह पीएमओ की ओर से बुधवार को ईसीआई को पीएम मोदी की योजना के बारे में “सूचित” किए जाने के बाद दी गई है. दरअसल, देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि कन्याकुमारी में पीएम मोदी के मेडिटेशन के दौरान अवकाश शनिवार को लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के साथ होगा. कांग्रेस का कहना है कि ये मतदान से पहले 48 घंटे की मौन अवधि और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
PM मोदी की यात्रा के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं- ECI
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग का कहना है कि सख्ती से कहा जाए तो पीएम मोदी की यात्रा के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह कोई भाषण नहीं दे रहे हैं. चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया 2019 के लोकसभा चुनाव के आखिर में अपनाई गई प्रक्रिया के समान ही थी, जब मोदी चुनाव के अंतिम चरण से पहले मौन अवधि के दौरान बद्रीनाथ और केदारनाथ की इसी तरह की यात्रा पर गए थे.
चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग मीडिया को यह नहीं कह सकता कि वह रिपोर्ट न करे. चुनाव आयोग का कहना है कि “कल अगर प्रधानमंत्री अपने निर्धारित घर में मेडिटेशन करते हैं और मीडिया उसे कवर करता है, तो क्या यह उल्लंघन है? या अगर विपक्ष ऐसा करता है, तो क्या यह उल्लंघन है? इसका कोई अंत नहीं है. अधिकारी ने आगे कहा कि समान अवसर सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि राज्य के संसाधनों तक किसी भी तरह की अनुचित पहुंच न हो.
पीएम मोदी वोट नहीं मांग रहें- ECI
इलेक्शन कमीशन का कहना है कि हर उम्मीदवार को प्रतीकों और प्रतीकात्मकता के माध्यम से संवाद करने का अधिकार है. उनका कहना है कि पीएम मोदी वोट नहीं मांग रहे हैं. विपक्ष भी इस तरह से प्रतीकात्मकता का सहारा ले सकता है. हमें सभी को कानून के दायरे में काम करना होगा. चुनाव आयोग का कहना है कि जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी धार्मिक स्थान पर जाकर किसी धर्म से जुड़े रंग के वस्त्र पहनकर अनुष्ठान करना मॉडल कोड ऑफ कन्डक्ट और संभावित रूप से मौन अवधि के आसपास के कानून का उल्लंघन होगा.
ECI ने वापिस लिया था राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस
गौरतलब है कि, साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग ने मौन अवधि के दौरान टीवी इंटरव्यू देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जारी कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया था. इसके बजाय इसने मौन अवधि से निपटने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 में संशोधन का सुझाव देने के लिए एक पैनल का गठन किया, क्योंकि शिकायतें थीं कि कानून मीडिया और ऑनलाइन स्पेस में बदलावों को ध्यान में नहीं रखता है.