Hit and Run Law-ड्राइवरों ने किया चक्काजाम

Info India News I India I Delhi I UP I MP I हिट एंड रन के नए नियम को लेकर ड्राइवरों की हड़ताल, पैदल कॉलेज जाने को मजबूर स्टूडेंट्स

Hit and Run Law: हिट एंड रन के नए नियम को लेकर ड्राइवरों की हड़ताल जारी है. इससे शहर की व्यवस्था चौपट हो गई है. यात्री सैंकड़ों किलोमिटर पैदल चलने के लिए मजबूर हैं. बता दें कि ड्राइवरों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.

‘हिट एंड रन’ के नए नियमों को लेकर हड़ताल पर उतरे ट्रक, बस, ऑटो ड्राइवरों की वजह से शहर की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. इसके चलते दूर दराज से लम्बी दूरी तय कर के शहर पहुंचे यात्रियों को वाहन ही नहीं मिल पा रहें हैं, जिसके चलते कुछ यात्रियों ने स्टेशन में ही अपना ढेरा डाल लिया है. वहीं कुछ यात्री पैदल ही अपना सफर शुरू कर सैंकड़ों किलोमिटर का फांसल तय करने को मजबूर हैं.

ड्राइवरों ने किया चक्काजाम
शहर सहित मुख्य मार्गों में ट्रक और बस ड्राइवरों ने चक्का जाम कर रखा है, लोकल  से बात करते हुए ट्रक और बस ड्राइवरों ने कहा कि यह अंधा कानून है, जिसे हम नहीं मानेंगे. सरकार को इस कानून को वापस लेना होगा. तभी हम बस और ट्रकों का संचालन करेंगे, नहीं तो हम अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे. यह कानून ड्राइवरों के हित में नहीं हैं.

स्टूडेंट पैदल कॉलेज स्कूल पहुंचने को मजबूर
शहर का पब्लिक ट्रांस्पोर्ट बंद होने की वजह से स्टूडेंट्स पैदल ही कॉलेज और स्कूल जानें को मजबूर हैं, क्योंकि अधिकतर कॉलेजों में एग्जाम चल रहें हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को पैदल ही एग्जाम सेंटर जाना पड़ रहा है. कॉलेज स्टूडेंट प्रतीक्षा ने बताया कि उनका कॉलेज उनके घर से 6 किलोमिटर दूर है. मजबूरन वह पैदल ही एग्जाम देने कॉलेज पहुंची हैं.

बाहर से आए यात्री निकले पैदल सफर पर
रेल्वे स्टेशन विंध्य के व्यस्त रेल्वे स्टेशन में से एक हैं. मुंबई, गुजरात, इन्दौर, दिल्ली जैसे दूर दराज से काम कर वापस लौटने वाले मज़दूर और अन्य यात्री पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करने में मजबूर हैं. शहर के कई इलाकों में हड़ताल में बैठे बस ड्राइवर और ऑटो ड्राइवरों के बीच झूमा झपटी भी देखने को मिली. बस चालकों का कहना है कि सभी चालकों को इस कानून के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता है.

एक्सीडेंट के दौरान भागने की बताई वजह
ट्रक, बस ड्राइवरों ने कहा कि किसी व्यक्ति को हम जानबूझ कर हिट नहीं करते और एक्सीडेंट के बाद अगर हम भागे नहीं तो पब्लिक हमारे साथ मारपीट करेगी. संभवता अक्रोशित जनता हमे जान से भी मार सकती है. ऐसे में यह कानून इतना भारी भरकम जुर्माना और सजा देगा तो हमारा परिवार भूखा मर जायेगा.