Info India News I Bhopal I क्या MP में बंद हो जाएंगे मदरसे? बीजेपी के इस विधायक ने केंद्र सरकार से की गुजारिश, विधानसभा में उठाया मुद्दा
Bhopal News: क्या मध्य प्रदेश में मदरसे बंद हो जाएंगे? फिलहाल राज्य में यह सवाल उठ रहा है. वो इसलिए, क्योंकि विधानसभा के मानसून सत्र में बीजेपी के एक विधायक ने अशासकीय संकल्प पेश किया है. उन्होंने कहा है कि किसी को भी धार्मिक या भाषायी आधार पर शिक्षण संस्थान चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
भोपाल. अगर केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के विधायक की बात मानी तो राज्य के मदरसे बंद कर दिए जाएंगे. दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में 5 जुलाई को बीजेपी विधायक डॉक्टर अभिलाष पाण्डेय ने एक अशासकीय संकल्प पेश किया. इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि अल्पसंख्यकों धार्मिक या भाषायी आधार पर शिक्षण संस्थान चलाने का अधिकार दिया गया है, उसे समाप्त किया जाए. डॉ. पांडे भारतीय संविधान के अनुच्छेद-30 को समाप्त करने की बात कह रहे हैं. दूसरी ओर, विधानसभा में बीजेपी की पूर्व मंत्री और विधायक ऊषा ठाकुर ने खुलकर कहा कि मदरसों पर पाबंदी लगे. इसलिये मध्य प्रदेश की विधानसभा में इस अशासकीय संकल्प को पारित कर केन्द्र सरकार के पास भेजा जाएगा.
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार इस बारे में अभी परीक्षण करा रही है. दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने बीजेपी विधायकों के सवाल किया है कि वो एक वर्ग विशेष के खिलाफ विवाद करने वाली बातों में रूचि क्यों लेते हैं? बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा कि मदरसों को अलग से चलाए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. विद्यार्थी राष्ट्र की धरोहर हैं, भविष्य हैं. उन्हें सबके साथ राष्ट्रवादिता, सामाजिक सेवा के शिक्षा और संस्कार दिए जाने चाहिए. चूंकि, ये केंद्र सरकार का विषय है इसलिए हम शासकीय संकल्प के जरिये मध्य प्रदेश में मदरसों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं. पूरा देश और देशभक्त नागरिक भी यही चाहते हैं. उन्होंने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर के मदरसे क्या कर रहे थे? फिर से कोई देश की एकता और अखंडता को चुनौती न दे सके इसलिये इनका बंद हो जाना ही बेहतर है.
हम चाहते हैं शिक्षा रोजगार देने वाली हो- शिक्षा मंत्री सिंह
इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चों को जो शिक्षा दी जा रही है वह आज के युग में रोजगारमूलक हो. ऐसी शिक्षा जो बच्चों के भविष्य को बाधित करने वाली हो, नहीं दी जानी चाहिए. एक बार परीक्षण हो जाए, फिर इस पर बात करेंगे. दूसरी ओर पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने ऊषा ठाकुर जैसे बीजेपी विधायकों को सलाह है कि वो रोजगार, विकास, नौकरी, चिकित्सा, कुपोषण, अपराध जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बात करें. ऐसी बातें जो समाज या एक वर्ग विशेष के खिलाफ विवाद करने वाली हैं, उनपर हमेशा इनकी रुच क्यों रहती है?